Mahila Business : bina mitti ki kheti Mahila Business Ideas in Hindi | बिना मिट्टी के खेती
टेरस पर बिना मिट्टी के करें खेती
हलो फ्रेंडस
घर बैठे बिजनेस पर आप सभी का स्वागत है. आज घरबैठे महिला बिजनेस के अंतर्गत (mahila business ideas in hindi) जानकारी दे रही हूं घर की खाली पड़े छत यानि टेरस से कैसे पैसे कमाया जा सकता है. यदि आपके पास भी खाली छत है तो उसे काम में ला सकती है.
कई बड़़े शहरों में जगह की कमी होने की वजह से सिर्फ घर की छत ही नहीं, माॅल या आॅफिस की छत को किराए पर लेकर उससे कमाई की जा रही है.
आजकल लोग खाली छत या टेरस का उपयोग करके पैसे कमा रहे है. टेरस को कई तरह से काम पर लगाएं जा सकते है उनमें सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा है छत पर बिना मिट्टी की खेती करना.
टेरस पर बिना मिट्टी की खेती सुनने में भले ही अजीब लगता हो पर वैज्ञानिकों ने अब ऐसी तकनीक का इजाद कर लिया है जिसमें मिट्टी के बिना भी खेती की जा सकती है.
इस तकनीक को हाइड्रोपाॅनिक्स कहा जाता है. यह तकनीक इजराइल, दक्षिण अफ्रीका, सउदी अरब जैसे देशों में विकसित की गई है. इस तकनीक की सफलता को देखते हुए धीरे धीरे यह पूरी दुनिया में की जाने लगी है. इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मिट्टी का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं होता है.
सब्जियों और फलों को मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगाएं जाते है. पौधों की जड़ों को पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे पानी में छोड़ दिया जाता हैं. इस तकनीक में पौधों को पोषक तत्व, पानी के सहारे पौधों के जड़ों तक पहुंचाया जाता है.
हाइड्रोपाॅनिक्स तकनीक द्वारा खेती के अनेक फायदे है. यह तकनीक काफी सरल है. इसे छोटी सी जगह पर शेड डालकर या बड़ी जगह पर पाॅली हाउस बनाकर भी किया जा सकता है. इस तरह पौधों को मौसम से होने वाले नुकसान से बचा कर रख सकती हैं. 10 से 20 हजार रूपए में किसी बिजनेस को शुरू करना चाहते है तो यहां क्लिक करें.
खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है. कम परिश्रम करना पड़ता है, यह स्वचलित है, कम जगह में होने की वजह से आसानी से नियंत्रित हो जाती है, कीटनाशक और खरपतवार से सुरक्षित रहती है. कम प्रदुषण और मिट्टी जनित रोगों से छुटकारा मिल जाता है.
इस तकनीक के द्वारा छत पर ताजी आर्गेनिक सब्जियां और फल उगाई जा सकती है. फल और सब्जियों में शलजम, गाजर, ककड़ी, खीरा, मूली, टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, धनिया, पुदिना, तुलसी, फलों में तरबूज, खरबूज, पाइनेपल, स्ट्रराबेरी, नींबू और केला तैयार किया जा सकता है.
बिना मिट्टी की खेती के लिए टाॅवर की आवश्यकता होती है. खेती के लिए इन टावर को आप आॅनलाइन मंगवा सकती है. 150 से लेकर 200 फीट की जगह पर 10 टावर लगाएं जा सकते है. इन टाॅवरों की ऊंचाई दो मीटर की होती है. दो मीटर ऊंचे टावर में 40 पौधे लगाने की केपेसीटी होती है. इस तरह से 10 टावर में 400 पौधें लगाएं जा सकते हैं. ये टावर और पौधें आपको आॅनलाइन मिल जाएगें.
बिना मिट्टी की खेती शुरू करने के लिए कम से कम एक से डेढ़ लाख रूपए की आवश्यकता होती है. एक बार में एक-डेढ़ लाख रूपए खर्च करके 10 टावर लगाएं जा सकते है. यह वन टाइम इंवेस्टमेंट है. इसके बाद साल दर साल इनकम होती रहेगी. सिर्फ सालाना बीज और पोषक तत्व पर खर्चा आएगा.
टावर लगाने वाली कंपनियों के अनुसार 10 टावर पर एक बार में एक लाख खर्च करने से सालभर में दो लाख रूपए आराम से कमा सकते हैं. इसमें से 20-30 हजार रूपए पौधों की देखभाल और यूनिट मेंटेनस पर खर्च को घटा दिया जाए तो यह राशि भी अधिक होती है.
छत पर बिना मिट्टी की खेती को अपनाने से पहले खेती की तकनीकी को अच्छे से समझ लें.
यदि आपके पास खाली टेरस नहीं है तो भी आप इस तकनीक को सीख कर अपना बिजनेस शुरू कर सकती है और दूसरें लोगों को टेरिस गार्डन, फार्मिग, आर्गेनिक फार्मिग की जानकारी देखकर कमाई कर सकती हैं.
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