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Thursday, May 14, 2020

पापड़ उद्योग की जानकारी - Papad Making Business Plan | Mahila Business

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महिलाएं घरबैठे पापड़ उद्योग कैसे शुरू करें 

पापड़ उद्योग की जानकारी - Papad Making Business Plan | Mahila Business




घर बैठे महिला बिजनेस के अंतर्गत पापड़ उद्योग की जानकारी जानकारी दे रही हूं. घरबैठे महिलाएं पापड़ का बिजनेस कैसे शुरू करें. साथ ही पापड़ बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करेंगी इस बारे में भी जानकारी दे रही हूं. आपको बता दूं यह मामूली सा दिखने वाला बिजनेस ने आज बड़ा रूप ले लिया है. यदि इसकी मार्केटिंग की जाएं तो अच्छा खासा पैसा कमा सकती है.

आजकल किसी भी घरेलु बिजनेस के लिए पढ़ी-लिखी या कम पढ़ी लिखी होना मायने नहीं रखता है. क्योंकि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. किसी भी काम को बिजनेस का रूप दे दिया जाएं तो वह बड़े कारोबार में बदल सकता है. बस जरूरत है थोड़ी सी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की.

पापड़ का बिजनेस सुन कर आप सोच रही होगी कि यह तो गांव-देहात की अनपढ़ महिलाओं के लिए है. हम भला इस बिजनेस को क्यों करें. आपको लिज्जत पापड़ की सक्कसेज स्टोरी के बारे में तो मालूम ही होगा. इस बिजनेस को एक महिला द्वारा ही शुरू किया गया जो आज करोड़ों का बिजनेस कर रही है.

पापड़ का बिजनेस लधु उद्योग है. इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा भी मदद की जा रही है. जिन महिलाओं को पापड़ बनाना आता है ऐसी महिलाएं घर पर कई तरह के पापड़ बनाकर इसका बिजनेस कर सकती है.

शुरू में आप अकेले ही पापड़ बनाकर बेचने का काम शुरू करें. जैसे-जैसे पापड़ की डिमांड बढ़ती जाएगी आप दो-चार महिलाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हंे भी रोजगार दे सकती है.

ेबिजनेस को बढ़ाने के लिए कुछ ऐसी महिलाओं को काम पर रखें जिन्हें पापड़ बनाना आता है. उन्हें मासिक वेतन पर या कमीशन के आधार पर रख सकती है.

पापड़ बिजनेस को शुरू करने के लिए कुछ महिलाएं मिलकर एक समूह बनाकर इस बिजनेस को लघु उद्योग के रूप में शुरू कर सकती है.

समूह बनाकर बिजनेस शुरू करने से पहले महिलाएं आपस में अपने-अपने हिसाब से काम को बांट लें, जिससे आगे चलकर आपस में किसी तरह का कोई मनमुठाव ना हो. ऐसे में बिजनेस शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है.


समूह में शामिल सभी महिलाएं एक निश्चित रकम जमा करके इस बिजनेस को शुरू कर सकती है. और बिजनेस में जो भी लाभ होगा आपस में बांट लें.

पापड़ उद्योग घरेलु उद्योग की श्रेणी में आता है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए ऐसे समूह को सरकार द्वारा भी सहायता दी जाती है. जरूरत पड़ने पर आप लोन आदि ले सकती है.

मार्केटिंग

महिलाओं द्वारा घर पर तैयार पापड़ को लोग पसंद करते हैं. क्योंकि यह हाथों से तैयार होती है, इसमें मिलावट नहीं होती है और साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है.

पापड़ की मार्केटिंग आप दो तरह से कर सकती है.

पहला, घर-घर जाकर इसे रिटेल में बेचना और दूसरा थोक मार्केट में जाकर थोक में बेचना.


रिटेल में बेचने के लिए आप जानपहचान वालों को, अपने घर के आसपास के अपार्टमेंटों और मोहल्लों में रहने वालों को पापड़ बेच सकती है.

आप चाहे तो घर-घर जाकर बेचने के लिए दो-चार लोगों को कमीशन बेस पर काम पर रख सकती है.

यदि आप छोटे स्केल पर बिजनेस को कर रही है तो शुरूआत में स्वयं ही जाकर इन्हें बेचे. इससे आपको अच्छी बचत होगी.

काम बढ़ने पर दुसरी महिलाओं को काम पर रख उन्हें रोजगार दे सकती है.

मार्केटिंग का दूसरा तरीका है थोक में माल बेचना. इसके लिए आप सीधे होलसेल मार्केट में जाकर दुकानदार से कीमत तय करके इन्हें बेच सकती है. या फिर थोक में बेचने के लिए आप मार्केट में छोटे बड़़े दुकानदारों को माल बेच सकती है.

थोक में माल बेचने के लिए शुरूआत मंे थोड़ा सा माल तैयार करें. इसे आप सेमपल के तौर पर दुकानदारों को दिखाकर आॅर्डर ले सकती है. आपके द्वारा तैयार पापड़ पसंद आने पर वह आपसे आॅर्डर देकर भी माल तैयार करवा सकते है.

पापड़़ की सेलिंग और मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले सकती है. आजकल बहुत से बिजनेस सोशल मीडिया के माध्यम से चल रहे है. यह पब्लिसिटी का भी अच्छा जरिया है.

आप भी पापड़ के बिजनेस के बारे में डिटेल में जानकारी पोस्ट करें. साथ में पापड़ के फोटो को भी फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, गूगल प्लस, वाट्सएप पर पोस्ट करें.

ध्यान रहे फोटो के साथ फोन नंबर और पापड़ के रेट जरूर लिखें ताकि लोग सम्पर्क कर सकते.

बिजनेस टिप्स

- शुरूआत में इस काम में काफी मेहनत करनी पड़ेगी. अकेले बिजनेस शुरू कर रही है तो स्वयं को ही राॅ मटेरियल खरीदने से लेकर बनाने और उसे बेचने के लिए दौड़भाग करनी होगी.

- शुरूआत करने पर एकबारगी में आपका माल नहीं बिकेगा. धीरेधीरे लोगों को जानकारी होने लगेगी वे स्वयं भी आपसे संपर्क करके माल खरीदने लगेंगे.

- शुरूआत में प्राॅफिट भी कम होगी. जैसे-जैसे सेलिंग बढ़ेगी प्राॅफिट भी बढ़ती जाएगी.

- प्राॅफिट का आकड़ा माल की सेलिंग पर डिपेंड करता है और माल की सेलिंग आपकी मार्केटिंग पर. इसलिए माल की सेलिंग और मार्केटिंग दोनों का ध्यान रखें.

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